डेंगू के लक्षण,घरेलु उपचार, बचाव,दवा

डेंगू के लक्षण,घरेलु उपचार, बचाव,दवा 



डेंगु एक तरह कि viral fever है , डेंगु मादा एडिज मच्छर(dengue mosquito) के काटने  के कारण होता है | आपको डेंगू के लक्षण ,डेंगू के  उपचार बेहद सटीक तरह से बताया जा रहा है | जब ये डेंगू के मच्छर कोई मनुष्य को काटता है तो डेंगू के वायरस उसके खून में मच्छर के स्लाइवा के साथ मनुष्य के शरीर के भीतर प्रवेश कर जाता है ,फिर वह डेंगु कि बीमारी  से ग्रस्त हो जाती है ।डेंगू की बीमारी दिनों -दिन बढ़ता ही जा रहा है | और ये खासकर उन जगहों पर ज्यादा होती है जहाँ ज्यादा जनसंख्या ,और गन्दगी ज्यादा है | एक्सपर्ट के माने तो ये साफ़ पानी में भी पनपती है | डेंगू के मच्छर रात के बजाय दिन में सुबह के समय ज्यादा काटती है | ये मच्छर की एक और ख़ास बात होती है की ये ज्यादा ऊंचाई तक उड़ नहीं पाते हैं | इस रोग की सम्बाहक भी मच्छर ही होती है | मेरा मतलब ये है जब कोई मच्छर डेंगू से पीड़ित इंसान की खून चूसता है ,तोखून के साथ डेंगू के वायरस भी मच्छर के पेट में चला जाता है ,और इसी तरह वही मच्छर जब कोई अन्य इंसान को काटता है तो वह भी डेंगू से संक्रमित हो जाता है |  




इस आर्टिकल में है 

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डेंगु के लक्षण

डेंगु के लक्षण मच्छर के काटने के 5-7 दिन बाद नजर आते हैं | 

तेज बिखार – डेंगु का सबसे कॉमन लक्षण तेज बुखार है। डेंगु होने पर रोगी को 102 -103 F तक  बुखार आती है । जो हल्की -हल्की बुखार से शुरू होती। यही कारण है कि कभी कभी रोगी को ये पता नही चल पाता है कि उसे नॉरमल बुखार है कि डेंगु हो चुकी है । और इसी चक्कर मे वे बीना जांच के दवाये लेना शुरू कर देते हैं , और धीरे -धीरे गम्भीर परिणाम सामने आने लगते हैं ।

आंख मे दर्द बहुत से रोगी को आंख के पीछे वाले हिस्से मे दर्द रहती है । और आंख को इधर -उधर हिलाने डुलाने पर बढती है ।

रैशेज या चकते – डेंगु होने पर रोगी के शरीर मे लाल-लाल चकते और रैशेज –हो जाती -है । और इन जगहो पर खुजली जैसी समस्या बनी रहती है ।

उलटी या जी मिचलाना – डेंगु मे रोगी को उलटी और जी मिचलाना और घबराहट जैसी लक्षण होती है ।

बदन दर्द – डेंगु के रोगी को बदन दर्द ,सर दर्द और पीठ दर्द की शिकायत रहती है ।

ये सभी मे कोइ भी लक्षण दिखे तो बीना देरी के ही नजदिकी किसी डॉक्टर के यहाँ जांच कराये । डॉक्टर डेंगु की जांच प्लेटलेट्स काउंट चेक करते हैं ,जिससे पता चलता है की रोगी को डेंगु है या नही ।

डेंगु के घरेलु उपचार(Dengue treatment )

1. पपीते के पत्ते – डॉकटर कि भी मानना है की डेंगु मे पपीते के पत्ते रामवाण औषधि है । पपीते के पत्ते का रस को निकालकर दिन मे 2-3 बार रोगी को दो चम्मच पिलाये ये  डेंगु से बचाव करने मे सहायक है ।

2. पपीते मे पाये जानेवाले पपेन नामक एंजाइम हमारे शरीर मे लाल रक्त कणो को वृद्धि करता है । जो डेंगु को ठीक करने मे मदद करती है ।
  
3. शहद और तुलसी – तुलसी  को पानी मे उबाल ले और इसमे एक चम्मच शहद मिलाकर पिलाये ,.इससे रोगी को डेंगु से काफी आराम मिलती है ।

4. हल्दी – डेंगु होने पर रोगी को हल्दी मिले हुए दुध पिने को दे और हल्दी का प्रयोग साक-सब्जी के साथ करे हल्दी की एंटिऑक्सिडेंट गुन डेंगु से लडने मे काफी मदद करती है ।

5. गिलोय – गिलोय की काढा बनाकर पिये ,इससे रोगप्रतिरोधक -क्षमता और लाल रक्त कणिकाओ का वृद्धि होती है । अगर आपके पास ये उपलब्ध नही है तो इसके जुस पतंजली गिलोय जुस नाम से आपके बाज़ार मे     आसानी से मिल जायेगा । गिलोय डेंगु क एक चमत्कारी दवा है ।

6. गेहूँ  के ज्वारे का रस – ज्वारे का रस पिने से शरीर मे प्लेटलेट्स का निर्माण होता है । ये एक डॉक्टर द्वारा    प्रमाणित उपाय है । इसके प्रयोग से रोगी को रोगप्रतिरोधक -क्षमता भी बढती है । और डेंगु से जल्द ही राहत दिलाती है

7. बकरी का दुध -  सुनने मे थोडा अजब लग सकता है मगर ये सच है । डेंगु होने पर बकरी की दुध की सेवन करना बहुत ही लाभकारी साबीत होती है । बकरी के दुध बीना उबाले ही दिन मे दो से तीन बार पिये । इससे खुन की कमी दुर होती है । 

8. ग्रीन टी- डेंगु होने पर चाय पीने के वजाये हर्बल-टी पीना काफी लाभकारी है । ये हमारे शरिर से गंदगी को बाहर निकालती है ।

9.  विटामिन युक्त फल-सब्जी – विटामिन युक्त मौसमी फल जिसमे अनार ,संतरा आदी विटामिन -C युक्त फल और सब्जियो के सेवन करना काफी लाभकारी है ।

10.     डेंगू जब हो जाए तो सुपाच्य भोजन ही करे | और ज्यादा से ज्यादा आराम करे | 

11. नाक में अंदर की तरफ सरसो की तेल लगाए जिससे बैक्टीरिया से बचाव होगी | 

डेंगू से बचाव 

डेंगू से बचने के लिए अपने आस -पास साफ सफाई का बेहद ख्याल रखे ताकि मच्छर न फैले , सुबह के समय बाहर जाते या टहलते समय फूल बाजु वाले कपडे का प्रयोग करे | रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग जरूर करे | खासकर बच्चो को ख्याल रखे और उनके हाथ-पैरों में एंटिसेप्टिक लोशन या सरसो के तेल लगाकर ही बाहर खेलने या घूमने जाने दे | अपने घरो  गमले या वैसे जगह जहाँ पानी जमा होती रहती है | उसे खाली जरूर करे | लगातार एक ही बर्तन में साफ़ पानी को भी जमा ना होने दे | 

घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव जरूर करवाये | 


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